गांव की मिट्टी में बसी है, सादगी की महक,
हरे-भरे खेतों में झूमती, स्वप्नों की चमक।
गांव के कच्चे रास्तों पर, बिखरी है रौनक प्यारी,
हर घर की दहलीज पर, मिलती है खुशियों की क्यारी।
चहचहाते पंछियों के गीत, सुबह का मधुर संगीत,
गांव की इस शांत धरा में, बसा है सच्चा प्रीत।
खेतों में किसान की मेहनत, पसीने की है कहानी,
सूरज की पहली किरण में, उसकी मेहनत है रवानी।
बच्चों की किलकारियाँ, बागों में खेल की धमाल,
गांव की इन गलियों में, हर दिन है एक त्योहार।
साँझ की बेला में, चौपाल की रौनक बढ़ती,
बुजुर्गों की कहानियाँ, जीवन का सार दिखातीं।
नदी की कलकल धारा, सुनाती है प्रेम का गीत,
गांव की इस गोद में, हर दिल पाता है मीत।
गांव की हरियाली में, बसी है सुकून की बयार,
प्रकृति की इस गोद में, मिलता है सच्चा प्यार।
गांव की इस दुनिया में, है सादगी का राज,
हर दिल में बसी है, खुशियों की आवाज़।
गांव के इस जीवन में, बसी है सरलता,
सपनों की इस धरती पर, है प्रेम और समर्पण की पूर्णता।