कहीं थक ना जाऊं,
मेरे दोस्त हाथ बढ़ाना |
उम्मीद किरण
बनकर,
मेरा साथ निभाना |
कहीं थक ना
जाऊं,
मेरे दोस्त हाथ बढ़ाना ||
कैसे करूं विश्वास ,
मैं सपनों के हवाओं पर |
कड़कती धूप में ,
बादल की घटओं पर
|
चले जा रहा हूं ,
मंजिल का नहीं ठिकाना |
कहीं थक न जाऊं ,
मेरे दोस्त हाथ बढ़ाना ||
सोचता हूं कौन हूं ,
क्या करने आया हूं |
किस प्रयोजन हेतु ,
यह मानव तन पाया हूं |
क्या यह जीवन
जीना ,
जीने का है एक बहाना |
कहीं थक ना
जाऊं ,
मेरे दोस्त साथ निभाना ||
आज भी भीड़ में,
खुद को अकेला पाता हूं |
दिल में दर्द छुपा कर ,
हंसता गाता हूं |
नहीं पूछने
वाला हाल ,
अपना यह जमाना ||
कहीं थक न जाऊं,
मेरे दोस्त हाथ बढ़ाना ||
कहीं थक ना जाऊं,
मेरे दोस्त हाथ बढ़ाना|
उम्मीद किरण
बनकर,
मेरा साथ निभाना |
कहीं थक ना
जाऊं,
मेरे दोस्त
हाथ बढ़ाना||