मैंने देखा है ...
मैंने देखा है, इस
जमाने की कहानी ,
आंखों से बहता पानी ,
इतिहास की जुबानी ..
मैंने देखा है ...
मैंने देखा है |
अपनों के बीच का प्यार ,
छोटी मोटी तकरार ,
जिनसे बनती ,
नफरत की दीवार..
को मैंने
देखा है
मैंने देखा है |
मोहब्बत की बातें करते,
गिरगिट को दोष देते,
अपनों को
रंग बदलते ...
मैंने देखा है ...
मैंने देखा है|
वह सावन की यारी,
जो सपनों सी प्यारी,
फागुन की धूप,
जिस पर पड़े भारी ...
को मैंने देखा है…
मैंने देखा है |
वादों की साम ,
देना
विश्वास का पैगाम,
भुलाया
है अब,
अपनों का नाम…
मैंने देखा है..
मैंने देखा है |
सूरदास का कृष्ण ,
मीरा का श्याम,
और शबरी के राम,
जिन्होंने दिखाया ,
मुक्ति का धाम,
को भी मैंने देखा..
मैंने देखा है |