JEEVAN TO JEEVAN HAI BHAIYA hindi poem.जीवन तो जीवन है भैया…

 

किसी का सपना सच होता है

किसी का झूठा होता है ,

जीवन तो जीवन है भैया

इस पर तुम क्यों रोता है...

 

खुश होकर कर बातें चार

क्या होगा इस तन के बाद ,

कहीं खुशी का आलम

कहीं पे मातम होता है..

जीवन तो जीवन है भैया

इस पर तू क्यों रोता है....

 

हमने देखा अपनी दुनिया को ,

प्रभु की इस सुंदर बगिया को

कहीं बसंत तो कहीं पे पतझड़ होता है..

जीवन तो जीवन है भैया

इस पर तू क्यों रोता है ....

 

क्यों भागे पीछे उसके

जो सुंदर दिखता है

तेरे पास ही है वह

जिस पर तू मरता है

जीवन तो जीवन है

इस पर तू क्यों रोता है ...

 

कर ले तू खुद पर विश्वास

हो जाएगा तुझको एहसास

इंतजार में किसी के क्यों

दिन में तारे गिनता है

जीवन तो जीवन है भैया

इस पर तू क्यों रोता है ...

 

मत देख सपने महलों की

सोच जरा तू अपनों की

सोने वाला पत्थर पर भी

इक इंसा होता है

जीवन तो जीवन है भैया 

 इस पर तू क्यों रोता है ...





Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.