गजब तमाशा हमने देखा आग लगी है पानी में
हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं युवा भरी जवानी में
आज के काम को कल पर छोड़ते
समय से अपने मुंह को मोड़ते
ध्यान लगाते अपना वह तो अपना
फिल्मों की मधुर कहानी में
गजब तमाशा हमने देखा आग लगी है पानी में
सदाचार की बातें रह गई है किताबों में
करकस्ता समाहित है इनके प्रमुख जवाबों में
माता-पिता के दिल को तोड़ते
अब खुद अपनी मनमानी में
गजब तमाशा हमने देखा लगी है पानी में
हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं युवा भरी जवानी..
रात कहा बीतेगी दिन का पता नहीं
कैसे कह दूं मां-बाप की कोई खता नहीं
कहां हो गई गलती बचपन की नादानी में
गजब तमाशा हमने देखा आग लगी है पानी में
हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं युवा भरी जवानी में..
धीरे-धीरे सुनहरा वक्त जा रहा
फेसबुक व्हाट्सएप का नशा छा रहा
ध्यान दीजिए सभ्यता के रक्षक
इनकी इस बेईमानी में
गजब तमाशा हमने देखा आग लगी है पानी में
हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं युवा भरी जवानी में..