GAJAB TAMASHA hindi poem गजब तमाशा

 गजब तमाशा हमने देखा आग लगी है पानी में 

हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं युवा भरी जवानी में 

आज के काम को कल पर छोड़ते

 समय से अपने मुंह को मोड़ते

 ध्यान लगाते अपना वह तो अपना 

फिल्मों की मधुर कहानी में 

गजब तमाशा हमने देखा आग लगी है पानी में


 सदाचार की बातें रह गई है किताबों में

 करकस्ता समाहित है इनके प्रमुख जवाबों में

 माता-पिता के दिल को तोड़ते 

अब खुद अपनी मनमानी में 

गजब तमाशा हमने देखा लगी है पानी में

 हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं युवा भरी जवानी..


 रात कहा बीतेगी दिन का पता नहीं 

कैसे कह दूं मां-बाप की कोई खता नहीं

 कहां हो गई गलती बचपन की नादानी में 

गजब तमाशा हमने देखा आग लगी है पानी में

 हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं युवा भरी जवानी में..

 

धीरे-धीरे सुनहरा वक्त जा रहा 

फेसबुक व्हाट्सएप का नशा छा रहा

 ध्यान दीजिए सभ्यता के रक्षक 

इनकी इस बेईमानी में 


गजब तमाशा हमने देखा आग लगी है पानी में 

हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं युवा भरी जवानी में..



Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.