ये भारत की भूमि ये ऋषि यों की जननी
ये वेदों की वाणी ये देवों की गाथा
गुरु ही यहां के हैं भाग्यविधाता
गुरु जब संभालें तो संभलें हैं हम,
गुरु ने दिखाए पथ आगे बढ़े हम
आशीष पर इनके संसार समाता
गुरु ही यहां के हैं भाग्यविधाता...
बने हैं नरेंद्र से स्वामी विवेका,
गुरु रामकृष्ण ने बदली भाग्य की रेखा,,
महापुरुषों की गाथा इतिहास बताता..
गुरु ही यहां के हैं भाग्यविधाता...
गुरु ने बनाए राम और कृष्ण को नारायण,
जिन्होंने निभाए कर्तव्य परायण,,
बापू ने माना गुरुओं को दाता..
गुरु ही यहां के हैं भाग्यविधाता...
वह प्रश्नों का लिखना वो लिखकर बताना,
बता करके फिर-फिर उसको समझाना,,
गुरुओं से सीखे धैर्य जमाना...
ये भारत की भूमि ये वेदों की वाणी ये देवों की गाथा
गुरु ही यहां के भाग्य विधाता..